संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है। इसमें संसद की 75 साल की यात्रा पर चर्चा होगी। इस विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 बजे लोकसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही सरकार के एजेंडे में 4 विधेयक भी हैं, जिन्हें वह पेश करेगी। हालांकि, विपक्ष को आशंका है कि कुछ और बड़ा भी हो सकता है। इससे पहले 1962 की भारत-चीन जंग समेत 11 मौकों पर संसद के विशेष सत्र बुलाए गए हैं।
संसद के विशेष सत्र को बुलाने का प्रोसेस क्या है?
रेगुलर सेशन हो या फिर विशेष सत्र, दोनों ही सत्र को बुलाने की प्रक्रिया एक जैसी होती है। सेशन बुलाने का अधिकार सरकार का होता है। सरकार ही ये तय करती है कि उसे सत्र कब बुलाना है।संसदीय कार्यों पर बनी कैबिनेट कमेटी प्रधानमंत्री की अगुआई में विशेष सत्र बुलाने की तारीख तय करती है। एजेंडा तय करती है। इसके बाद स्पीकर को यह जानकारी दी जाती है। कैबिनेट कमेटी का ये फैसला राष्ट्रपति भवन भेजा जाता है। इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही स्पेशल सेशन बुलाए जाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता है। संसदीय कार्यों पर बनी इस कैबिनेट कमेटी में फिलहाल 10 मंत्री हैं, जिनमें रक्षा, गृह, वित्त, कृषि, जनजातीय मामले, संसदीय मामले और सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल हैं। कानून मंत्री और विदेश राज्य मंत्री समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।