
सारंगढ़ । गोमर्डा अभ्यारण्य के बटउपाली परिसर में एक भालू का शव कुंए के भीतर मिला। लगभग सप्ताह भर से उसका शव वहां पड़ा था और बीटगार्ड से लेकर अन्य किसी को भी इसकी जानकारी नहीं हुई। बीती रात गश्त कर रहे वनकर्मियों को दुर्गंध से इसकी जानकारी हुई,तो मामले की सूचना अपने उच्चाधिकारियों को संबंधित वनकर्मी ने दी। इसके बाद शुक्रवार को भालू के शव को बाहर निकलवा कर उसका पीएम के बाद अंतिम संस्कार कराया गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बटउपाली परिसर के कक्ष क्र. 888 आरएफ के मंडलीय जंगल के पास के खेत में एक कुआं है। जहां एक भालू गिर गया औऱ उसकी मौत हो गई, पर भालू के गिरने की जानकारी विभागीय कर्मचारियों को नहीं लगी। बीती रात जब वनकर्मी गश्त कर रहे थे, तो दुर्गंध के कारण इसकी जानकारी हुई और कुंए के पास पहुंचे तब उन्होंने देखा कि भालू का शव पानी के ऊपर तैर रहा है। इसके बाद मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को संबंधित वनकर्मी ने दी। जहां आज सुबह भालू के शव को किसी तरह कुंए से बाहर निकाला और प्रारंभिक जांच में पाया कि संभवत भालू पानी पीने के लिए यहां आया होगा और कुंए में गिर गया। भालू का शव लगभग आठ से दस दिन पुराना नजर आ रहा था। उसके बाद शव का पंचनामा कर पीएम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।
ऐसी जंगल गस्त किस काम की
गोमर्डा अभ्यारण में इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं कि वन्यप्राणी मृत हालत में पड़े होते हैं पर संबंधित कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगती। इस बार भी एक भालू का शव 8 से 10 दिन तक कुएं में गिरा रहा और दुर्गंध के बाद इसकी जानकारी हुई। संबंधित विभागीय अधिकारियों का कहना है कि गस्त के दौरान शव का पता चल सका। सवाल यह है कि अगर गस्त नियमित रूप से हो रही तो भालू का शव इतने दिन पड़ा रहा और तत्काल पता नहीं चल पाना वनकर्मियों की गश्त पर सवाल खड़े कर रहा है।