गरियाबंद। ठगों ने गरियाबंद जिले की गांव की लोगों से स्वसहायता समूह बनाकर घर बैठे रोजगार देने के नाम पर 15 से 20 लाख रुपए ठग लिए हैं। ठगी का खुलासा तब हो पाया है, जब आरोपियों ने रोजगार देने के नाम पर टालमटोल करना शुरू कर दिया और पीड़ितों को ही धमकी देने लगे। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने परे मामले की शिकायत जिले के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर से की है और न्याय की गुहार लगाई है। वहीं आरोपी भी पीड़ितों का नंबर ब्लैकलिस्ट में डालकर फरार हो गए हैं। दरअसल कुछ समाय पहले आशुतोष श्रीवास और गायत्री साहू ने लोगों को रोजगार दिलाने के लिए स्वसहायता समूह बनाने के लिए कहा था। इन्होंने अपने आप को रायपुर से संचालित होने वाले सरगम सहेली नामक एनजीओ का मालिक बताया था। इसके बाद दोनों आरोपियों ने गरियाबंद, फिंगेश्वर और छुरा ब्लॉक के ओमप्रकाश यादव, चम्पा साहू, भामा साहू, हेमबाई नेताम, शोभा ध्रुव और मीना से कहा कि वे उन्हें आगरबत्ती, रूईबत्ती, मेंहदी, बिंदी बनाने और कच्चा माल देकर पक्का माल तैयार करने की ट्रेनिंग देकर माल तैयार करवाएंगे, मेहनताना भी देंगे और इसे उन्हीं ग्रामीणों से नगद खरीद लेंगे। ग्रामीण भी रोजगार के लालच में आकर काम करने तैयार हो गए। फिर आरोपियों ने ग्रामीणों से कहा कि आपको अपने-अपने क्षेत्र मे स्वसहायता समूह बनाना होगा। जिसमें प्रत्येक समूह में 10-20 सदस्य बनाने होंगे और प्रत्येक सदस्य से रजिस्ट्रेशन का 500 और बीमा के नाम पर 500 रुपए जमा कराने के लिए कहा गया । इतना ही नहीं ठगों ने ग्रामीणों से कहा कि सदस्य बनाने पर आपको 500 रुपए कमीशन भी देंगे।
एक समूह से 10 से 20 हजार जमा हुए
इस बात को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों ने अपने-अपने पहचान के लोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर समूह में जोड़ना शुरू किया। जिससे एक समूह से 10 से 20 हजार रुपए जमा करवा लिए गए। समूह का गठन जिले के अलग-अलग गांवों में किया गया। ग्रामीणों की मदद से लगभग 100 महिला समूहों का गठन किया गया, जिनसे 15 से 20 लाख रुपए जमा हो गए।
खाते में भी ट्रांसफर करवाए
इसके बाद आरोपियों ने आशुतोष और गायत्री ने महिलाओं से अलग-अलग दिन आकर पूरे पैसे ले लिए और कुछ पैसों को अपने खाते में जमा करवा लिया। कुछ दिन बाद महिलाओं ने रोजगार के लिए जब दोनों को फोन किया तो रोज टाल मटोल करने लगे। कहने लगे की आज से काम शुरू करेंगे, कल से काम शुरू करेंगे, आखिरकार एक दिन आरोपियों ने ग्रामीणों को धमकी ही दे दी कि जो करना है कर लो, अब कुछ नहीं होगा। इतना ही नहीं शातिर ठग गायत्री ने समूह के संबधित दस्तावेज भी ग्रामीणों से ले लिए और फरार हो गई।
एनजीओ का पता भी फर्जी
इसके अलावा ग्रामीणों के नंबर को भी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है और किसी भी नंबर से फोन करने पर दोनों आरोपी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। जिसके बाद जब पीड़ित आरोपियों के द्वारा दिए गए एनजीओ के पते पर रायपुर के विधानसभा रोड इलाके में पहुंची तो एनजीओ का दफ्तर भी उन्हें नहीं मिला है। पूरे मामले के बाद ठगी का शिकार हुए लोग एसपी आॅफिस पहुंचे जहां उन्होंने इसकी शिकायत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर से की है। पूरे मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों ने भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है।