बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में जून महीने में एक बाघिन घायल अवस्था में मिली थी। उस समय उसकी पहचान नहीं की जा सकी थी, लेकिन भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून ने उसकी पहचान बांधवगढ़ के रूप में की है। जब भी किसी नये बाघ के बारे में पहचान करना कठिन होता है, तब उसकी फोटो भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजी जाती है।
बता दें कि वाइल्ड पीसीसीएफ के अनुसार इसका खुलासा घायल बाघिन के इलाज के दौरान ही हो गया था। घायल बाघिन के शरीर पर भी शेर के पंजे के निशान पाए गए, जिससे घायल होने का कारण स्पष्ट हो सका।
इस संबंध में वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जगदीशन के अनुसार घायल बाघिन की तस्वीर भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजी गई थी। घायल बाघिन की फोटो भेजे जाने के बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान ने अपने यहां उपलब्ध 2006 से 2014 तक की फोटो का मिलान किया तो यहां से भेजी गई फोटो से वहां मैच हो गई। इसकी सूचना भारतीय वन्य जीव संस्थान ने हमें पत्र के जरिए दी है। बाघिन ने स्वस्थ होने पर उसे कहां रखा जाएगा इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसका निर्णय बाघों के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति लेगी। अभी उसकी हालत पहले से बेहतर है उपचार जारी है।