अंबिकापुर। प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती एक महिला का डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया तो मोटी झिल्ली की दीवार बनने से दो भाग में उसका गर्भाशय बंटा मिला। डॉक्टरों ने पहले नवजात को एक हिस्से से बाहर निकाला फिर सिप्रोप्लास्टी कर झल्ली से अंदर बनी दीवार को हटाकर गर्भाशय को एक कर दिया। अस्पताल में इस तरह का यह पहला केस है। सरगवां निवासी प्रसूता महिला अब पूरी तरह ठीक है और उसका बच्चा भी स्वस्थ है। गायनिक विभाग की एचओडी डा. अविनाशी कुजूर ने बताया कि यह एक तरह का रेयर केस होता है। इसके कारण गर्भ के एक हिस्से में भू्रण बनाता है और उसका विकास पूरी तरह नहीं होने से प्रीमेच्योर डिलीवरी हो जाती है। महिला का बच्चा भी दो महीने पहले जन्म लिया है और उसका वजन करीब दो किग्रा ही था। हालांकि अब व पूरी तरह स्वस्थ्य है।
20 हजार लोगोंं ऐसा एक केस आता है सामने
डॉ. अविनाशी कुजूर ने बताया कि दो भाग में गर्भाशय बंटा होने वाले केस रेयर माने जाते हैं। ऐसा 20 हजार में एक केस सामने आता है। यह जेनेटिक विकार के कारण होता है। इसमें महिला के गर्भ में शुरू से गर्भाशय के अंदर झिल्ली वाली दीवार विकसित हो जाती है, जिससे गर्भाशय दो भाग में बंट जाता है। इससे गर्भधारण करने पर बच्चे का विकास नहीं हो पाता और समय से पहले प्रसव पीड़ा होने लगती है। ऑपरेशन के बाद दीवार हटा देने से इस तरह की दिक्कत दूर हो जाती है।
गर्भवती महिला को दो भाग होने की नहीं थी जानकारी
महिला ने पहले अपना चेकअप दूसरी जगह कराया था। उसका सोनोग्राफी भी नहीं हुआ था। गर्भ में बच्चे का विकास पूरी तरह नहीं हुआ था। उसकी डिलिवरी जून में होने वाली थी, लेकिन अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में ही उसे असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद परिजन उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने इमरजेंसी में प्रसव कराने ऑपरेशन किया। इसके बाद पता चला कि उसके गर्भाशय दो भाग में बंटा हुआ है और एक हिस्से में बच्चा है।