प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से परिवार में सुख, समृद्धि बढ़ती है, किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश की पूजा करने का विधान है। चूंकि गणेशजी का अवतरण चतुर्थी तिथि पर हुआ था, इसलिए हिंदू संवत्सर के प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पूजा करने को विशेष महत्व दिया जाता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 फरवरी को है, शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। सुख-समृद्धि के साथ रोग मुक्ति के लिए चतुर्थी पर विधिवत गणेश पूजा करनी चाहिए।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी गुरुवार 23 फरवरी को है। गणेश पुराण में उल्लेखित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को छोड़कर अन्य सभी चतुर्थी तिथि पर सुबह, दोपहर को गणेश की विधिवत पूजा करने के पश्चात दिनभर व्रत रखकर संध्या में चंद्रमा का दर्शन करके ही व्रत का पारणा करना चाहिए। गणेश की पूजा, व्रत आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
चतुर्थी पर ये करें
- सुबह स्नान से निवृत्त होकर भगवान गणेश का ध्यान करें और व्रत रखने का संकल्प लेकर सुबह-दोपहर पूजा करें
- गणेशजी को मोदक का भोग लगाकर प्रसाद बांटें
- हो सके तो ब्राह्मण अथवा किसी निर्धन को भोजन कराकर यथाशक्ति दान दें
- दिनभर व्रत रखकर शाम को गणेश चालीसा, व्रत कयथा का पाठ करें
- गणेश स्त्रोत वाचन करके ऊं गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें