नई दिल्ली। लंबे घमासान के बाद आज किसान और सरकार के बीच बातचीत हुई. दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच करीब 4 घंटे तक बैठक चली। हालांकि ये बातचीत बेनतीजा रही। 3 दिसंबर को एक बार फिर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होगी। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार ने 2 फेज में बातचीत की। 2 घंटे के पहले फेज में सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने केंद्र ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज पर पावर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए, इसमें केंद्र, किसान और एक्सपर्ट शामिल हों। पर, बात नहीं बनी।दूसरे दौर में ये तय हुआ कि अगली बातचीत 3 दिसंबर को होगी।
सरकार ने शर्त नहीं रखी, तब किसानों ने की बात
केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के डेलीगेशन से चर्चा करेगी। सरकार के बुलावे पर किसानों ने कहा था कि वे मीटिंग के लिए इसलिए तैयार हुए, क्योंकि इस बार सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी। सरकार ने सोमवार देर रात किसानों को बातचीत का न्योता भेजा था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें न्योता दिया गया है।
आंदोलन जारी रहेगा
मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘बातचीत अच्छे माहौल में हुई। हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही, पर ये फैसला किसान ही करेंगे। हमने कहा कि कमेटी बना दें, पर किसान चाहते थे कि सभी लोग मिलकर ही बातचीत करें। तोमर के बयान के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। हम आगे भी चर्चा के लिए आएंगे।