रायपुर। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना संकट के बीच अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। एस्मा लागू होने के बावजूद शनिवार से प्रदेश भर के 13 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। संघ का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 13 हजार समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन, अन्य कर्मचारी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि ना चाहते हुए भी कार्रवाई करना पड़ सकती है। प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ ने बताया कि विगत 15 वर्षों से हम सभी छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ एवं विश्वस्तरीय बनाने में कड़ी मेहनत के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की घोषणा की थी। अब तक उनके द्वारा किसी भी प्रकार का सकारात्मक रूख नहीं दिखाया गया है। अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 13 हजार स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल के दौरान उत्पन्न किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति की सारी जवाबदेही शासन की होगी।
हड़ताल का यह समय उचित नहीं:टीएस सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये लोग तीन-चार दिन पहले मेरे पास आए थे। संविदा स्वास्थ्यकर्मी सबसे ज्यादा सेवा करने वाले लोगों में से एक हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये जमकर मेहनत करते हंै। एस्मा लगा है लोगों की जान की परवा किए बिना अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाते हैं, तो नियमानुसार न चाहते हुए भी कार्रवाई करना पड़ेगा। यह समय उचित नहीं है। वर्तमान में भर्ती जारी है। उसमें इन सबको अनुभव के 15 अंक भी दिए जा रहे हंै। इनकी मांगों पर विचार कर रहे हैं। बाकी सभी विभाग में संविदा कर्मी हंै। काम रोकने पर प्रभाव तो पड़ेगा, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन ने कर ली होगी।
कर्मचारी कार्रवाई के लिए हैं तैयार: हेमंत सिन्हा
संविदा कर्मचारी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिंहा ने कहा सभी जिलों में नियमितीकरण की मांग लेकर हड़ताल पर रहेंगे। एस्मा लगा है हम सभी 13 हजार कर्मचारी कार्रवाई के लिए तैयार हंै। कोविड, नान कोविड में लगे सभी संविदा कर्मचारी काम रोक देंगे। सरकार 10 मिनट में विधायकों का वेतन बढ़ा सकती है, तो हम तो कई सालों से मांग कर रहे हैं।