
भोपाल/सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह 7:30 बजे बड़ा हादसा हो गया। 56 यात्रियों के साथ सतना जा रही बस 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई। अब तक 47 शव निकाले जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि चार यात्री बह गए जिनको तलाशने के लिए अंधेरा होने तक रेस्क्यू जारी था। रेस्क्यू टीम के पहुंचने से पहले ही एक महिला, एक लड़की और उसके भाई ने सात लोगों को बचा लिया। बस का ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया, जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया। हादसा रामपुर नैकिन के पास सरदा गांव में हुआ। यह जगह सीधी से 80 किलोमीटर और सतना से करीब 100 किलोमीटर दूर है। बस सुबह 6 बजे सीधी से रवाना हुई थी। इसमें 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन ड्राइवर ने 56 यात्री भर लिए थे। इनमें ज्यादातर सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे। 12 लड़के-लड़कियां रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ इस बस में सवार हुए थे।
ड्राइवर ने स्टूडेंट्स के लिए रूट बदला था: इस बस को सीधी से चुरहट, रामपुर नैकिन, बधबार और गोविंदगढ़ होते हुए सतना पहुंचना था। चुरहट तक बस आई, लेकिन उसके बाद रामपुर नैकिन से स्टूडेंट्स के कहने पर ड्राइवर ने रूट बदल लिया। इन स्टूडेंट्स का एग्जाम था, इसलिए उन्हें वक्त पर सतना पहुंचना था। दरअसल, सीधी से सतना जाने वाला नेशनल हाईवे-39 छुहिया घाटी से गुजरता है। जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी होने से पिछले कुछ दिनों से छुहिया घाटी में जाम लग रहा है। इसलिए कई गाड़ियां छुहिया घाटी से पहले बगवार गांव से होते हुए जा रही हैं। बस के ड्राइवर ने भी जाम से बचने के लिए रूट बदला था। तेज गति और रास्ता सकरा होने के कारण बस अनियंत्रित हो गई और नहर में जा गिरी।
सात -सात लाख की सहायता
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया। हादसे में मरने वालों के परिजनों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 5-5 लाख रुपए की राहत सहायता देने घोषणा की है। इसमें से 10-10 हजार रुपए तत्काल दिए जाएंगे। वहीं, मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से परिजनों के लिए 2 लाख और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।
पानी का बहाव तेज था, यात्रियों को बचने का मौका नहीं मिलाजिस नहर में हादसा हुआ, उसमें बाणसागर जलाशय से पानी छोड़ा जाता है। हादसे के वक्त यहां पानी का बहाव ज्यादा था। इस वजह से यात्रियों को बचने का मौका नहीं मिला। माना जा रहा है कि तेज बहाव के कारण यात्री घटनास्थल से काफी दूर बह गए होंगे। जब रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तो बस पूरी तरह 22 फीट गहरी नहर में डूबी हुई थी। 40 किलोमीटर दूर मौजूद बांध जलाशय से पानी का बहाव रुकवा कर उसे सिहावल नहर में डाइवर्ट किया गया, तब बाणसागर नहर में पानी कम हुआ। इसके बाद गोताखोर नहर में उतरे और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स का रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू हुआ। हादसे के करीब चार घंटे बाद 11:45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया।
बस का पिछला टायर फिसल रहा था, ब्रेक नहीं लग पाए और बस नहर में जा गिरी
ड्राइवर बस को लेकर सीधी से चुरहट और रामपुर नैकिन तक लेकर आया। फिर उसने बस को बगवार गांव में मोड़ दिया। यहां से बस सरदा गांव पहुंची। इस गांव से जो रास्ता सतना की ओर जाता है, उसके साथ-साथ नहर चलती है। यहां एक जगह आकर रास्ता संकरा हो जाता है। चश्मदीदों ने बताया कि बस का पिछला टायर नहर की ढलान की ओर जाने लगा। ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन ब्रेक लगे नहीं और बस बेकाबू होकर नहर में जा गिरी। सतना में रजिस्टर्ड यह बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स से जुड़ी हुई थी।
गहरा दुख हुआ: राष्ट्रपति कोविंद
मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक बस के नहर में गिर जाने के दर्दनाक हादसे में अनेक यात्रियों के हताहत होने से गहरा दु:ख हुआ है।अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
दुखी परिवारों के प्रति संवेदना- प्रधानमंत्री मोदी
एमपी के सीधी में बस दुर्घटना भयावह है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत कार्य में सक्रिय रूप से शामिल है, इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
हर संभव मदद कर रहे: अमित शाह
हादसा बहुत दु:खद है, मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है। प्रशासन राहत व बचाव के लिए हर संभव मदद पहुंचा रहा है। मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।
सभी धैर्य रखें- शिवराजसिंह चौहान
इस दुर्घटना में हमारे जो भाई-बहन नहीं रहे, उनके परिजनों को रु. पाँच लाख की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी।मेरी अपील है कि सभी धैर्य रखें। दु:ख की इस घड़ी में मैं और प्रदेश की जनता आपके साथ है।