अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने छात्रों को एक बड़ी राहत दी है। परिषद ने कोरोना संकट में भी सामान्य फीस के साथ छात्रावास और परिवहन के लिए चार्ज की मांग कर रहे शैक्षणिक संस्थानों को आगाह किया है कि संस्थान छात्रों पर पहले जैसी फीस जमा करने का दबाव नहीं बना सकेंगे। वह छात्रों से उतनी ही फीस ले सकेंगे, जिसकी सुविधा उन्हें कोरोना संकट में दी गई है। यानी छात्रावास और परिवहन फीस आदि नहीं ले सकेंगे।
एआइसीटीई ने इसे लेकर अपने से संबद्ध सभी संस्थानों को एक सख्त निर्देश जारी किया है। साथ ही कहा है कि जो संस्थान ऐसा नहीं करेंगे, या उनके खिलाफ इससे जुड़ी कोई शिकायत मिलती है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एआइसीटीई के मेंबर सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार ने संस्थानों को दिए निर्देश में यह भी कहा कि आने वाले सेमेस्टर के दौरान भी छात्रों और परिजनों पर फीस को लेकर किसी भी तरह का जबरिया दबाव भी न बनाए। एआइसीटीई ने संस्थानों से कहा कि वह इस दौरान छात्रों से फीस के साथ मेस और ट्रांसपोर्ट के मेंटेनेंस को लेकर कुछ चार्ज ले सकते है। हालांकि इसके लिए छात्रों और अभिभावकों से पहले बात करनी होगी।
एआइसीटीई ने यह सख्ती संस्थानों की उस मनमानी के बाद दिखाई है, जिसमें छात्रों से पिछले सेमेस्टर के बराबर ही फीस मांगी जा रही है। इसमें छात्रावास और परिवहन की फीस भी शामिल है। देश भर से संस्थानों से इस तरह की ढेरों श्ािकायतों के सामने आने के बाद एआइसीटीई ने यह सख्त निर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि एआइसीटीई कोरोना संकटकाल के शुरुआती महीनों में ही संस्थानों को छात्रों पर फीस को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा था। साथ ही जबरिया दबाव न बनाने का सुझाव दिया था।