धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में 69 करोड़ रूपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन
रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत 22 जनवरी को धरसींवा विधानसभा के क्षेत्रवासियों को विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने इसके तहत् धरसींवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 38 करोड़ 4 लाख रुपए से अधिक राशि के 30 विकास कार्यों का लोकार्पण और 31 करोड़ 87 लाख रुपए से अधिक राशि के 17 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस तरह कुल 69 करोड़ 92 लाख रूपए के 47 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया धरसींवा विधानसभा क्षेत्र आगमन पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने क्षेत्रवासियों को सौगात देते हुए जिला रायपुर के मंगसा-पथरी मार्ग लम्बाई 3.60 कि.मी. का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य, सी.सी.आई मांढर-पथरी बस्ती पहुंच मार्ग लम्बाई 1.95 कि.मी. का निर्माण कार्य, सी.सी सड़क सह नाली निर्माण बड़े नाला से कोसाबाड़ी फोर लेन तक टेकारी, विकासखण्ड तिल्दा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरोरा 10 बिस्तरीय आईसोलेशन वार्ड का निर्माण कार्य, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना तिरवैया, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना कपसदा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना भैंसमुड़ा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना कुकेरा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना तरेसर, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना पवनी, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना निलजा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना दोदेंकला, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना मटिया, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना लालपुर, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना बरबंदा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना छपोरा, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना मौहागांव, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना दोदेंखुर्द, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना गिधौरी, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना टेकारी, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना नकटी, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना रैयता, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना मांठ, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना बरतोरी, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना बेल्दारसिवनी, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना पिकरीडीह, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना भरूवाडीहकला, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना भरूवाडीह खुर्द, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना, सिर्री, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना बिठिया के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। इसी तरह मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिला रायपुर के नवागांव-बेलटुकरी- भड़हा मार्ग लम्बाई 8.20 कि.मी. का उन्नयन कार्य, सारागांव-देवरी मार्ग के 13.00 कि.मी. का मजबूतीकरण कार्य, धरसींवा में तहसील कार्यालय का भवन का निर्माण कार्य, रायपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धरसींवा में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट भवन का निर्माण कार्य, शासकीय उच्च प्राथमिक शाला धनेली 1 नग अतिरिक्त कक्ष निर्माण, प्राथमिक शाला निलजा 1 नग अतिरिक्त कक्ष निर्माण, हाईस्कूल कुंरा में अहाता निर्माण कार्य, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ठ शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरबंदा में जीर्णाद्धार कार्य, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना सारागांव, रेक्ट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना बरौण्डा, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना मघईपुर, एकलग्राम नल जल प्रदाय योजना खपरी (गैतरा), अमृत सरोवर जीर्णोद्वार अंतर्गत खुदाई कार्य टो-वॉल एवं पिचिंग कार्य अड़सेना, अमृत सरोवर जीर्णोद्वार अंतर्गत खुदाई कार्य टो-वॉल एवं पिचिंग कार्य बंगोली, अमृत सरोवर जीर्णोद्वार अंतर्गत खुदाई कार्य टो-वॉल एवं पिचिंग कार्य मोहदी, अमृत सरोवर जीर्णोद्वार अंतर्गत खुदाई कार्य टो-वॉल एवं पिचिंग कार्य मुड़पार, अमृत सरोवर जीर्णोद्वार अंतर्गत खुदाई कार्य टो-वॉल एवं पिचिंग कार्य माठ का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री ने की मुक्तेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री ने धरसीवा विधानसभा के चरोदा में मुक्तेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने यहाँ आसपास के गाँवों से बड़ी संख्या में आये लोगो से भेंट मुलाक़ात की। इस दौरान खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, स्थानीय विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
मंदिर का इतिहास
यह स्थल भारतीय प्राचीन सभ्यता का प्रतीक है. वर्तमान में जहाँ पर यह विशाल शिव मंदिर है, पूर्व में यह टीले के रूप में था, टूटे-फूटे ईंटो के टुकड़ें एवं ऊपर में दो नारी मूर्तियाँ थी जिसे लोग महामाई के रूप में पूजते थे. इस टीले के ठीक पूर्व की ओर एक गड्ढ़ा था जिसमें हमेशा पानी भरा रहता था, यहाँ अभी बावली है. ग्रामवासी इस स्थल की रहस्य को जानने टीले की खुदाई 1969 में प्रारंभ कर दी. इस दौरान ईंट के टुकड़े, टूटी-फुटी मूर्तियाँ पत्थर के बड़े- बड़े खंभे, एक चौकोर नींव परकोटा मिला दूसरा नींव बीच में जो कि प्राचीन मुख्य मंदिर का था. जलहरी के टूटे भाग निकलने के बाद ग्रामीणों को अंदर शिवलिंग दबे होने का विश्वास हो गया खुदाई जारी रहा कुछ दिनों में ही शिवलिंग की प्रतिमा प्राप्त हुई इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इस स्थल पर प्राचीनकाल में विशाल मंदिर था.