सद्गुरु कबीर संत समागम समारोह दामाखेड़ा मेला में पहुँचे मुख्यमंत्री
पर्यटकों के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला बनाने की घोषणा
22 करोड़ रूपये से अधिक लागत से बनने वाले कबीर सागर के निर्माण कार्य मे तेजी लाने के निर्देश
युग कोई भी हो संत कबीरदास जी को भुलाया नहीं जा सकता: मुख्यमंत्री
रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा में माघपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दामाखेड़ा के 10 किलोमीटर के दायरे में कोई भी स्पंज आयरन उद्योग नहीं लगाने एवं पर्यटकों के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला का निर्माण कराये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 22 करोड़ रूपये से अधिक लागत से बनने वाले कबीर सागर के निर्माण कार्य मे तेजी लाने और प्राथमिक शाला भवन का जीर्णोंद्धार कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। समारोह में मुख्यमंत्री ने पंथश्री हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब का स्वागत करते हुए उनसे छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा, बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा ने भी गुरू का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। धर्मगुरू पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार दामाखेड़ा आगमन पर श्री भूपेश बघेल का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल से कबीरपंथी हैं। संत कबीरदास के सिद्धांत और उपदेश का अनुसरण करते हैं। बीते 22 सालों से मेरा उनसे गहरा नाता है। उन्होंने संत समागम में पहुंचकर दामाखेड़ा का गौरव बढ़ाया है। साथ ही दामाखेड़ा के आसपास स्थापित हो रहे उद्योगों खासकर स्पंज आयरन एवं बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर अपनी चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कबीरपंथ का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव है। इसलिए यहां के लोग शांतिप्रिय है और छत्तीसगढ़ पूरे देश में शांति का टापू बना हुआ है। युग चाहे कोई भी हो संत कबीरदास जी को भुलाया नहीं जा सकता, उनके जीवन दर्शन अनमोल है। मैं जब भी प्रकाश मुनि नाम साहेब से मिलता हूं, तो हर बार कुछ नया जानने को मिलता है। कुछ दिन पहले बेमेतरा में मुलाकत हुई तो हमें साहेब बंदगी साहेब के अर्थों के बारे में जानकारी मिली। आज भी कबीर के बहुआयामी दर्शन योग, तप, ध्यान एवं अनुराग के बारे में जानकारी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीर दास जी का कहना है कि व्यक्ति को सरल होना चाहिए, परंतु आज के समय में सबसे कठिन है सरल होना। सरल होना है, तो गुरु के पास आना ही होगा। गुरूकृपा से ही जीवन धन्य हो सकता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। राज्य सरकार यहां के प्राचीन तालाब सहित संपूर्ण दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है, ताकि यहां दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु दामाखेड़ा की मधुर स्मृति लेकर वापस जाएं।