अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मुस्लिम समुदाय से काशी और मथुरा को मुक्त करवाने का संकल्प लिया है। साथ ही कहा कि काशी और मथुरा मुक्त कर मुस्लिम समुदाय माफी मांगे। इस मुद्दे पर परिषद मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात करेगी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर बात नहीं बनी तो कानूनी लड़ाई लड़ेगी। परिषद के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिदू परिषद सहित समस्त हिदू संगठनों को साथ लेकर यह लड़ाई लड़ी जाएगी।
प्रयागराज मठ बाघंबरी गद्दी में हुई परिषद की बैठक में आठ प्रस्ताव पास किए गए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिग में शामिल काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से अविलंब मस्जिद हटाई जाए। भाईचारा कायम करने के लिए मुस्लिम समुदाय स्वयं मस्जिद हटाकर माफी मांगे कि उसके पूर्वजों ने अनैतिक काम किया है। महंत राजेंद्र दास ने हरिद्वार के कनखल में निर्वाणी अनी, निर्मोही अनी और दिगंबर अनी अखाड़ों को भूमि से बेदखल करने की कार्रवाई को उठाया।
महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि उत्तराखंड सरकार कनखल में तीनों अनियों को जमीन दे। वहां बने मठ-मंदिर न तोड़े जाएं। प्रयागराज में संगम तीरे हर साल लगने वाला माघ मेला कोरोना संक्रमण के कारण स्थगित न किया जाए। संतों व कल्पवासियों के शिविर दूर-दूर लगें। भीड़ रोकने के लिए धार्मिक संस्थाओं पर पाबंदी लगाने की मांग की। महंत धर्मदास ने प्रयागराज में पंचक्रोसी (पंचकोसी) परिक्रमा की परंपरा पुन: आरंभ करने पर जोर दिया। कहा कि अखाड़ा परिषद के महात्मा परिक्रमा में नियमानुसार शामिल होंगे। सभी प्रस्ताव प्रधानमंत्री, यूपी व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को कार्रवाई के लिए भेजे जाएंगे। बैठक में महंत प्रेम गिरि, श्रीमहंत नारायण गिरि, महंत सत्य गिरि, महंत जमुना पुरी आदि शामिल रहे।