शब्दों में बहुत ताकत होती है। अगर आप पॉजिटिव बोलेंगे- सोचेंगे तो होगा भी वैसा ही। पॉजिटिव लोगों के साथ रहने से हमारे आस- पास पॉजिटिव किरणें बनी रहती हैं। दरअसल हमारे पास दो तरह के बीज होते हैं, सकारात्मक विचार जो आगे चलकर हमारे नजरिये और व्यवहार रूपी पेड़ का निर्धारण करते हैं। हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बन जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि जैसे हमारे विचार होते हैं, वैसा ही हमारा आचरण होता है। हमारे विचारों पर हमारा स्वयं का नियंत्रण होता है इसलिए यह हमें ही तय करना होता है कि हमें सकारात्मक सोचना है या नकारात्मक।
यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है कि हम अपने दिमाग रूपी जमीन में कौन- सा बीज बोना चाहते हैं। थोड़ी सी समझदारी से हम कांटेदार पेड़ को महकते फूलों के पेड़ में बदल सकते हैं। अगर आपको अपने जीवन में सफल होना है तो आपको आज से ही अपनी सोच सकारात्मक बनानी होगी।