उत्तर प्रदेश के आगरा में एक तोते ने अपनी मालकिन की हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया। घटना 20 फरवरी, 2014 की है। नीलम शर्मा की उनके सगे भांजे ने मित्र के साथ मिलकर लूटपाट के दौरान हत्या कर दी थी। पालतू कुत्ते को भी मार दिया गया था। नीलम की हत्या के छह महीने बाद ही तोते हीरा की भी मौत हो गई, लेकिन मरने के पहले हीरा अपनी मालकिन के हत्यारों का सुराग दे गया था। नीलम शर्मा हत्याकांड में दो दोषियों को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
आगरा निवासी विजय शर्मा बेटी और बेटे के साथ फिरोजाबाद गए थे। घर में पत्नी नीलम और पिता आनंद शर्मा थे। आधी रात वे लौटे तो नीलम की हत्या और लूटपाट का पता चला। उनकी धारदार हथियार से ताबड़तोड़ प्रहार कर हत्या की गई थी। पुलिस ने 25 फरवरी, 2014 को हत्याकांड का पर्दाफाश किया। लूट और हत्या के आरोप में नीलम शर्मा के भांजे आशु और उसके मित्र रोनी को गिरफ्तार किया था।
आशु का नाम आते ही चीखने लगा था तोता
नीलम शर्मा की बेटी निवेदिता ने बताया कि मां की हत्या के बाद तोता हीरा तीन दिन तक गुमसुम रहा था। वह मां के साथ कई सालों से रह रहा था। इस पर पिता विजय शर्मा और परिवार के लोगों का ध्यान गया। विजय शर्मा ने तोते के पास जाकर कहा कि नीरू (नीलम) की हत्या तुम्हारे सामने हो गई, तुम खामोश रहे। इसके बाद जिन लोगों पर परिवार को शक था उनका नाम तोते हीरा के सामने लेना शुरू किया। आशु का नाम लेते ही वह गर्दन हिलाकर जोर-जोर से चीखने लगा। पिता विजय शर्मा ने पुलिस को आशुतोष के बारे में जानकारी दी।