मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 26 मार्च को प्रतिवर्ष पर्पल डे मनाया जाता है। जर्नल न्यूरोलाजी में प्रकाशित ताजा अध्ययन में बताया गया है कि मिर्गी के मरीजों में मौत का जोखिम दोगुने से भी अधिक होता है। आज पूरी दुनिया में लगभग पांच करोड़ लोग मिर्गी रोग से ग्रसित हैं।
शोधकर्ताओं ने 20,095 मिर्गी रोगियों के अध्ययन में युवा लोगों में बढ़ा हुआ जोखिम और भी अधिक पाया गया। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि बढ़ा हुआ जोखिम इस बात पर भी निर्भर करता है कि वे कहां रहते हैं, वे कितनी दवाएं लेते हैं और उन्हें कौन सी अन्य बीमारियां हो सकती हैं। दक्षिण कोरिया के कांगवान नेशनल यूनिवर्सिटी चुनचेओन से पीएचडी व अध्ययन के लेखक सेओ-यंग ली ने कहा कि हमारी टीम ने उन लोगों में भी यह खतरा पाया जिन्हें अन्य कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी या वे दौरे को नियंत्रित करने के लिए केवल एक दवा लेते थे।
हर वर्ष लगभग पचास लाख लोग इस रोग से ग्रसित हो रहे हैं। शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि अगर आप के परिवार में किसी को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। मरीज को बाहर जाते समय अकेले नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि अचानक गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट लग सकती है।