जब प्यास लगती है, तभी पानी का महत्व समझ मे आता है, ठीक उसी प्रकार भगवान के श्रीचरणों में स्थान प्राप्त करने के लिए हृदय से प्रभु को स्मरण करने की आवश्यकता है। किसी ने भगवान को देखा तो नहीं है, लेकिन भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मन के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं।
जिसे भक्ति का एक बार स्वाद मिल गया, वह भगवान की भक्ति में दिन-रात लीन हो जाता है। जिस क्षण व्यक्ति हृदय से भगवान से जुड़ जाता है, उसी क्षण से वह प्रसन्नचित हो जाता है। इसीलिए कहा गया है कि भगवान के श्रीचरणों में ही सारे समस्याओं का हल है।