बिहार की राजनीति में महिला नेत्रियों की सक्रियता कोई नई बात नहीं है। अब तक बिहार की राजनीति में कदम रखने वाली अधिकांश महिलाएं उन्हीं घरों की होती हैं, जिनके पति या कोई परिवारी का सदस्य पहले से ही राजनीति में सक्रिय हो। इसका सबसे पहला उदाहरण लालू यादव रहे, जब वे चारा घोटाला में आरोपी बने तो अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। दूसरा उदाहरण आनंद मोहन हैं। वे सांसद बने तो उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद को भी राजनीति में उतार दिया। अब तीन ऐसी महिलाओं के नाम चर्चा में हैं, जो राजनीति कदम रखने को बेताब हैं।
बिहार में जिन तीन महिलाओं के राजनीति में आने की चर्चा है, उनमें पहला नाम रामविलास पासवान की बेवा और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान की मां रीना पासवान का है। रीना पासवान जल्दी ही सियासी मंचों पर दिखाई देंगी। चिराग पासवान ने अपनी मां को इसके लिए राजी कर लिया है। राम विलास पासवान ने जीते जी अपने भाई-भतीजे को राजनीति में मुकाम तक तो पहुंचा दिया, लेकिन दोनों ने उनके बेटे की खाट खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब रीना पासवान ने राजनीति में उतरने का मन बना लिया है। ज्यादा संभावना यह है कि वह अपने पति की पारंपरिक सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगी।
नीतीश कुमार से लड़-झगड़ कर जेडीयू से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा ने दोबारा अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है। आरएलजेडी के राजगीर में हुए चिंतन शिविर में पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पत्नी स्नेहलता को भी शामिल किया था। स्नेहलता ने पहली बार सियासी मंच से भाषण दिया। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने राजनीति में स्नेहलता के प्रवेश की बात तो नहीं कही, लेकिन स्नेहलता को शिविर में बोलने का मौका देकर उन्होंने संकेत जरूर दे दिया कि वह भी राजनीति में उनका साथ निभाने को तैयार हैं। हालांकि दांव उल्टा पड़ गया। उम्मीद थी कि पति के स्वर में स्नेहलता स्वर मिलाएंगी, लेकिन हो गया उल्टा। स्नेहलता ने नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति की तारीफ करनी शुरू कर दी। शराबबंदी को समाज के लिए नीतीश सरकार का बेहतर कदम बताया। बहरहाल, इतना तो तय है कि राजनीति से अनजान रहने के कारण ही स्नेहलता ने ऐसी बातें कहीं।
लालू यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अचानक बिहार का सीएम बना कर सबको चौंका दिया था। शुरू से ही घर-परिवार के कामों तक सीमित रहीं राबड़ी देवी को आरंभ में सियासत जरूर अटपटी लगी, लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति के सारे दांव-पेंच सीख लिए। अब तो वह किसी भी परिपक्व राजनीतिज्ञ से किसी भी मामले में कम नहीं दिखतीं। उनके दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के अलावा बेटी मीसा भारती और पत्नी राबड़ी देवी भी राजनीति में हैं। अब एक चर्चा यह भी है कि बहुत जल्द किसी शुभ मुहूर्त में तेजस्वी यादवी की पत्नी राजश्री यादव की भी सास की तरह राजनीति में एंट्री हो सकती है।