केंद्र सरकार के लगभग 47 लाख कर्मचारी और 62 लाख पेंशनरों को 18 माह के डीए एरियर मिलने की उम्मीद पूरी हो सकती है। कर्मचारियों के सरकार की तरफ बकाया 34402.32 करोड़ रुपये का भुगतान कराने की लड़ाई दोबारा शुरू हो गई है।
‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि हम पुरानी पेंशन बहाली की मांग के साथ ही अब कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के भुगतान की लड़ाई भी लड़ेंगे। कैबिनेट सचिव को स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए एरियर के भुगतान के लिए लिखा है। साथ ही वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया है। अब एनपीएस की समाप्ति और ओपीएस बहाली की मांग के लिए आंदोलन किया जा रहा है, उसी में बकाया एरियर राशि का मुद्दा भी जुड़ गया है। इस बाबत केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दे दिया है। डीए के एरियर का भुगतान सरकार को करना ही पड़ेगा।
गौर हो कि केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे थे। केंद्र ने इस वर्ष संसद के बजट सत्र में यह बात मानी थी कि डीए की बकाया राशि जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से आवेदन मिले हैं। हालांकि सरकार ने कोई ठोस भरोसा देने की बजाए साफ तौर से कह दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में डीए जारी करना व्यावहारिक नहीं है।