करीब 32 वर्ष पहले 100 रुपये रिश्वत लेने के मामले में दोषी नार्दन रेलवे हास्पिटल के तत्कालीन हेड क्लर्क को सीबीआई की विशेष अदालत ने एक साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है। विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने आदेश में कहा है कि 82 वर्षीय अभियुक्त कई असाध्य बीमारियों से ग्रसित है। उसे सिर्फ जेल में बिताई गई अवधि (जो मात्र दो दिन रही है) से दंडित करने पर समाज में गलत संदेश जा सकता है। रिश्वत की राशि, अपराध की प्रकृति व अन्य तथ्यों के मद्देनजर उसे दी गई सजा से न्याय की मंशा पूर्ण हो जाएगी।
यह है मामला : छह अगस्त, 1991 को नार्दन रेलवे के सेवानिवृत लोको ड्राइवर राम कुमार तिवारी ने रिश्वत के इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक पेंशन सबधी कार्य के लिए उनका मेडिकल टेस्ट होना था। नार्दन रेलवे हास्पिटल के हेड क्लर्क राज नारायण वर्मा इसके एवज में उनसे 150 रुपये की रिश्वत मांग रहा था। बाद में 100 रुपये मांगने लगा। सीबीआई ने उसे रिश्वत की इस रकम के साथ गिरफ्तार किया था। विवेचना के बाद उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। 30 नवंबर, 2022 को अभियुक्त पर आरोप तय हुए थे।