उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बैंक के कर्ज से परेशान एक किसान कर्ज अदा न पाने के कारण परेशान हो गया। इसके बाद वह अपने बच्चों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अंग बेचने की जानकारी लेने पहुंचा। किसान के आने मंशा पता चलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सनसनी फैल गई।
CHC में किसान ने लोगों को बताया कि उसकी जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर रखा है। बची जमीन पर लगाई फसल को आवारा पशुओं ने बर्बाद कर दिया। पूरा मामला पूरनपुर तहसील क्षेत्र का है। गांव कुरैया खुर्द निवासी अजीत सिंह अपने दो बच्चों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरनपुर जा पहुंचा। वहां मौजूद डाक्टर और अन्य लोगों से अंग बेचने की जानकारी मांगी। अस्पताल में खड़े लोगों ने जब अंग बेचने का कारण पूछा तो उसने बताया कि 2004 में उसके पिता पृथ्वी सिंह ने पशुपालन के लिए भूमि विकास बैंक से ऋण लिया था। पिता की मृत्यु के बाद बची जमीन पर उसने गेहूं लगाया तो आवारा पशुओं ने गेहूं की फसल को उजाड़ दिया। इसके बाद बैंक के फील्ड अफसर व अन्य लोग कई बार घर पर आकर पैसा वापस करने के लिए उसकी बेइज्जती कर चुके हैं। किसान ने कहा कि वह काफी तनाव में रहता है और बैंक का पैसा जमा कर पाने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है, इसीलिए वह अपने अंग बचने के लिए बच्चों के साथ भटक रहा है। वह अपने अंग बेचकर बैंक के कर्मचारियों से पीछा छुड़ाना चाहता है।
किसान ने बताया कि जमीन पर किए गए कब्जे को लेकर उसने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भूमि विकास बैंक पूरनपुर के शाखा प्रबंधक ने बताया कि बैंक द्वारा किसानों के परिवारों से अदायगी को लेकर स्कीम चल रही है। जिसमें 100 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत तक ब्याज में छूट है। 31 दिसंबर तक ये स्कीम रहेगी। बाकी बैंक कर्मियों की ओर से किसी पर अनावश्यक दबाव डालने का कोई औचित्य ही नहीं। स्टाफ से पूरे मामले की जानकारी जुटाई है। इस तरह के आरोप निराधार हैं। कोई समस्या थी तो पहले बैंक में शिकायत करनी चाहिए थी। प्राथमिकता पर दिखवाया जाएगा।