भारतीय रेलवे में रोजाना 3 करोड़ लोग सफर करते हैं। पिछले कुछ सालों में भारतीय रेलवे में काफी बदलाव आए हैं। रेलवे की तमाम सुविधाएं बेहतर हुई हैं। स्टेशनों की स्थिति भी सुधरी है तो वहीं ट्रेनों की गति में भी इजाफा हुआ है। इतना सब होने के बाद भी रेलवे के कुछ कुछ नियम ऐसे थे जो काफी समय से चले आ रहे थे, जिनको बदलने की जरूरत थी। ऐसा ही नियम था रेलवे की टिकट कैंसिलेशन पर चार्जेस को लेकर। इससे रेलवे की तो मोटी कमाई होती थी, लेकिन यात्रियों को काफी नुकसान होता था। रेलवे ने अब वेटिंग टिकट कैंसिलेशन के चार्जेस को लेकर नियम बदल दिए हैं।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बड़ी सहूलियत देते हुए टिकट कैंसिलेशन को लेकर बदलाव किया है। अब वेटिंग और आरएसी टिकट कैंसिलेशन में रेलवे की ओर से अलग से चार्ज नहीं लिया जाएगा। रेलवे से जारी नए नियमों में अगर कोई टिकट वेटिंग या RAC है तो उससे सर्विस चार्ज के तौर पर एक्सट्रा रुपये नहीं लिए जाएंगे। नए नियमों के तहत अब निर्धारित ₹60 काटे जाएंगे। स्लीपर में ₹120 का चार्ज कटेगा तो थर्ड एसी की टिकट कैंसिल करने पर ₹180 का चार्ज कटेगा। सेकंड एसी की टिकट कैंसिल करने पर 200 का चार्ज कटेगा। वहीं फर्स्ट एसी पर 240 रुपए काटेगे। रेलवे पहले वेटिंग और और आरएसी टिकट या अन्य टिकटों के कैंसिल होने पर में सर्विस चार्ज और कन्वीनियंस फीस के तौर पर तगड़ी रकम वसूलती थी। रेलवे के राजस्व में ऐसे ही कई करोड़ की कमाई होती थी तो वहीं, यात्रियों का नुकसान होता था। अब रेलवे की ओर से चार्जेज तय कर दिए गए हैं।
झारखंड के गिरिडीह के सोशल वर्कर और RTI एक्टिविस्ट सुनील कुमार खंडेलवाल ने आरटीआई लगाकर टिकट कैंसिलेशन चार्ज के बारे में शिकायत की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि रेलवे सिर्फ टिकट कैंसिल करने के चार्ज से ही करोड़ों की मोटी कमाई कर रहा है। इससे यात्रियों को काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि 190 रुपये की एक टिकट बुक की गई थी, जो वेटिंग थी। लेकिन, रेलवे ने कैंसिलेशन के बाद रिफंड सिर्फ 95 रुपये ही लौटाए। रेलवे के नए फैसले से यात्रियों को सहूलियत होगी।