इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के ASI dks सर्वे का आदेश दे दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हालांकि इससे पहले श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट पिटीशन दाखिल कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि मुस्लिम पक्ष की याचिका पर किसी फैसले से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
इस बीच केस में बौद्ध समाज की भी एंट्री हो गई है। गुरु सुमित रतन भंते ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका दावा है कि ज्ञानवापी उनका मठ है। देश में तमाम ऐसे मंदिर हैं, जो बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करने, यानी सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दिया है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने कहा-न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है। सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए।