अंबिकापुर/ रायपुर; 06 अक्टूबर 2023: सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित ग्रामों के 300 से अधिक महिला एवं पुरुष ग्रामीणों का एक समूह पिछले 145 दिनों से धरना प्रदर्शन पर बैठा हुआ है। प्राधिकृत पीईकेबी खदान के बंद होने से बेरोजगार हुए युवकों और ग्रामीणों ने खदान विरोधी एनजीओ और उनके आंदोलनकारीयों से पूछे सवाल।
क्या वे 5000 से ज्यादा बेरोजगार हुए लोगों के घर का चूल्हा जलवाएंगे? क्या वे क्षेत्र में चलाए जा रहे गुणवत्तायुक्त शिक्षा और विकासकार्यों को बंद होने से बचा पाएंगे? क्या इनकी सुध खदान विरोधी आंदोलनकारी और एनजीओ के ठेकेदार लेंगे?
खदान विरोधी आंदोलनकारियों और एनजीओ के ठेकेदारों द्वारा शुक्रवार को रैली निकालने की खबर ने ग्रामीणों के दुख और तकलीफ से भारी आग को भड़काने का काम किया है। स्थानीय प्रशासन ने रैली करने की अनुमति प्रदान नहीं की, जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रही। सभी ग्रामीणों ने खदान के पुनः खुलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। खदान बंद होने के बाद बेरोजगार हुए ऐसे ग्रामीण, जो अकुशल श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं, उन्हें अब अपने रोजी रोटी के लिए एक बार फिर से गांव छोड़कर दूसरे शहरों में पलायन करना पड़ेगा। इन ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।