
लैंगिक असमानता दूर करने विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की दी गई जानकारी
रायपुर- लैंगिक असमानता दूर करने भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘नई चेतना – जेंडर अभियान 2.0’’ पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से नवा रायपुर में आयोजित इस कार्यशाला में लैंगिक असमानता दूर करने विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। पुलिस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास, श्रम तथा वन विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान (SIRD) के अधिकारी भी कार्यशाला में शामिल हुए। ‘बिहान’ के साथ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों चैतन्य, प्रदान, ट्रिफ और पीसीआई के साथ ही ‘बिहान’ की दीदियों तथा राज्य व जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया। लिंग आधारित भेदभाव, घरेलू हिंसा इत्यादि पर ग्रामीण परिवारों में समझ विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अभियान ‘‘नई चेतना – जेण्डर अभियान 2.0’’ प्रारंभ किया गया है। विगत 25 नवम्बर से शुरू हुए इस अभियान का क्रियान्वयन 4 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक छत्तीसगढ़ में भी किया जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए राज्य में अच्छा काम हो रहा है। ‘सहेंगे नहीं, कहेंगे… चुप्पी तोड़ेंगे’ नई चेतना – जेण्डर अभियान 2.0 का टैगलाइन है। उन्होंने कहा कि यह चुप्पी तोड़ने का वक्त है। महिलाओं के विरूद्ध हो रहे दुर्व्यवहार और अपराध को साझा करने का समय है। इनसे ही लैंगिक असमानताओं से जुड़ी समस्याओं का हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूहों की महिलाओं के इस अभियान से जुड़ने से लैंगिक असमानता को दूर करने की दिशा में तेजी से काम होगा।