रायपुर-छत्तीसगढ़ में एक तरफ मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मंथन जारी है, तो दूसरी ओर विपक्ष के नेता के लिए नाम चर्चा में आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में ऐसे चार नाम सामने आ रहे हैं। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष के लिए सबसे पहले नाम निवर्तमान भूपेश बघेल का नाम है। वहीं चरणदास महंत, उमेश पटेल और कवासी लखमा का नाम भी लिस्ट में शामिल है।पिछली बार तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने साल 2018 में चुनाव हारने के बाद नेता प्रतिपक्ष नहीं बने। डॉ. रमन सिंह विधायक के रूप में ही अपनी सेवाएं दी थीं। अब यह देखा जाएगा कि निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहेंगे या फिर पार्टी के किसी दूसरे नेता को यह पद देंगे। छत्तीसगढ़ में मिली बड़ी हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस की समीक्षा बैठक हो रही है। जानकारी के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी हार की समीक्षा करेंगे। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और चरणदास महंत भी मौजूद हैं। बैठक में प्रदेश के हालात को लेकर विधानसभा वार विधायकों के हारने की क्या वजह रही? डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत मंत्रियों के हारने का क्या कारण रहा है, इन विषयों पर चर्चा होगी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी में संगठन स्तर के बदलाव लोकसभा चुनाव के बाद होंगे। देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। 11 में से 9 सीटें बीजेपी के पास हैं, तो वहीं बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है। फिलहाल कांग्रेस की कोशिश छत्तीसगढ़ में इन सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर ही है।