रेलवे ने Sleeper Coach समाप्त करने की अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी मार्ग पर स्लीपर कोच को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे अधिक की गति यात्री ट्रेन वाले मार्गों पर स्लीपर कोच समाप्त करने के बारे में वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा “स्लीपर श्रेणी के कोच बने रहेंगे।” उन्होंने कहा कि जिन मार्गों पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी उन पर स्लीपर कोच वाली कम गति की ट्रेनें भी चलती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनों में तेज हवा और धूल के कारण स्लीपर श्रेणी के कोचों के यात्रियों को असुविधा हो सकती है। इस कारण इन ट्रेनों में नये प्रकार के एसी कोच लगाये जायेंगे जिनमें सीटों की संख्या मौजूदा एसी-3 कोचों से अधिक होंगी। इनका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है। इनका किराया एसी-3 से कम लेकिन स्लीपर से अधिक होगा।
यादव ने बताया कि स्वर्णिम चतुर्भुज पर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए बुनियादी ढाँचा तैयार कर लिया गया है। गत जुलाई में इन मार्गों पर 130 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति भी मिल गई है। धीरे-धीरे ट्रेनों की गति बढ़ाई जायेगी। जून 2021 तक पूरे स्वर्णिम चतुर्भुज को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए तैयार कर लिया जायेगा।
इसके बाद अगले चरण में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए ट्रैक, सिग्नलिंग तथा अन्य बुनियादी ढाँचों को तैयार किया जायेगा। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है जिसके मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।