कांकेर। उपयोग जहां चाह होती है वहां राह अपने आप बनने लगती है। इसका जीताजागता उदाहरण कांकेर जिले के ग्राम पंचायत बांसकुण्ड के आश्रित ग्राम बनौली की राधा स्व- सहायता समूह की महिलाओं ने प्रस्तुत किया है। इस महिलाओं ने लाख पालन के जरिए अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।
राधा महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा 2018 मई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत दो एकड़ भूमि में सेमियालता के 4 हजार पौधे रोपे गए थे, जिससे लाख बनाने का काम चालू किया गया। रोपे गए सेमियालता पौधे में एक साल के बाद लाख लगाया गया, जिसमें से मात्र 6 महीने बाद 2 क्विंटल लाख का उत्पादन हुआ। इसमें से एक क्विंटल लाख का विक्रय कर 35 हजार रूपए की आमदनी हुई।
उनकी इस सफलता में अम्बेडकर विश्वविद्यालय नई दिल्ली के छात्र एवं सहभागी समाजसेवी संस्था का भी सहयोग रहा है। राधा स्व-सहायता समूह की महिलाओं की इस उपलब्धि से बिहन लाख समय पर नहीं मिलने की समस्या से अन्य लाख उत्पादक किसानों को भी मुक्ति मिलेगी।