पाकिस्तान ने 73 साल पहले जम्मू-कश्मीर में हिंसा कराई थी। इसके खिलाफ गुरुवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में काला दिवस मनाया जा रहा है। दरअसल 22 अक्टूबर 1947 के दिन ही पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने अवैध रूप से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया। इस दौरान लूटपाट और अत्याचार किया था। इस दिन को भारत ब्लैक डे के रूप में मना रहा है।
पाकिस्तानी सेना समर्थित कबायली लोगों के लश्कर (मिलिशिया) ने कुल्हाड़ियों, तलवारों और बंदूकों और हथियारों से लैस होकर कश्मीर पर हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के पुरुषों और बच्चों की हत्या कर दी थी और महिलाओं को गुलाम बना लिया था। पाकिस्तान के हमले में यहां बच्चों और महिलाओं के साथ क्रूरता की गई थी। मिलिशिया ने घाटी में पूरी संस्कृति को नष्ट कर दिया था। 73 साल पहले हुई इस घटना के कश्मीर के लोग अभी तक नहीं भूले हैं।
पाकिस्तान सेना ने प्रत्येक पठान जनजाति को 1,000 कबायलियों वाला लश्कर बनाने की जिम्मेदारी दी। उन्होंने फिर लश्कर को बन्नू, वन्ना, पेशावर, कोहाट, थल और नौशेरा में ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। इन स्थानों पर पाकिस्तान के ब्रिगेड कमांडरों ने गोला-बारूद, हथियार और आवश्यक कपड़े प्रदान किए।