बिहार में बडा जनादेश मिलने से गदगद भाजपा ने अब पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो एनडीए में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने 74 सीटों पर कब्जा किया है। भाजपा अपनी सफलता को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में जुट गई है। शिरोमणि अकाली दल के एनडीए छोड़ने के बाद भाजपा ने सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
गत माह शिरोमणि अकाली दल ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए एनडीए से अलग होने की घोषणा किया था। अब भाजपा महासचिव तरुण चुग ने घोषणा की है कि भारतीय जनता पार्टी 2022 के राज्य चुनावों में 117 विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा महासचिव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 19 नवंबर को पार्टी के 10 जिला कार्यालयों का उद्घाटन करेंगे।
गौर हो कि अकाली दल ने तीन नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए एनडीए से अपनी राह अलग कर ली। हरसिमरत कौर बादल ने भी केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। पंजाब के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो अकाली दल के साथ भाजपा का गठबंधन 1992 से शुरू हुआ। वर्षों सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार, अकाली बड़े भाई की भूमिका में रहते थे। अकाली दल 94 सीटों और भाजपा 23 पर चुनाव लड़ती थी। इसी तरह पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से अकाली ने 10 निर्वाचन में और तीन पर भाजपा ने उम्मीदवार उतारे थे।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल बाद SAD-BJP सरकार को बाहर कर दिया। SAD-BJP ने 2019 के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया क्योंकि उन्होंने 2 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस ने पंजाब में 8 सीटें हासिल कीं।