
रायपुर, 03 मार्च 2025। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल ने छत्तीसगढ़ सरकार के बजट 2025-26 को सर्वस्पर्शी, समावेशी और विकासोन्मुखी बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश में कृषि के विकास को नई दिशा देगा।
कुलपति ने बताया कि बजट में कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थानों में शोध के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे कृषि अनुसंधान को वैश्विक स्तर पर विस्तार मिलेगा। उन्होंने इस निर्णय के लिए सरकार का आभार जताया।
कृषि विकास को मिलेगी रफ्तार, किसानों को कई सौगातें
बजट में नए शासकीय कृषि महाविद्यालय मुंगेली की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, किसानों द्वारा उत्पादित दलहन और तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे इन फसलों के उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
इसके अलावा धान, गेहूं, रागी, कोदो-कुटकी, दलहन और तिलहन के बीज उत्पादन व वितरण के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ रुपये और जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए 24 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
डिजिटल क्रॉप सर्वे और किसानों के लिए राहत योजनाएं
प्रदेश में पहली बार डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे कृषि विकास को नई दिशा मिलेगी। कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना में 600 करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिससे 5.62 लाख मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।
बिजली, फसल बीमा और बागवानी को भी बढ़ावा
कृषि पंपों के लिए निःशुल्क बिजली आपूर्ति हेतु 3,500 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। गन्ना किसानों को बोनस के रूप में 60 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
बागवानी क्षेत्र को भी विशेष बढ़ावा दिया गया है, जिसमें बागवानी मिशन के लिए 150 करोड़ रुपये, खाद्य तेल राष्ट्रीय मिशन के तहत 30 करोड़ रुपये और मसाला फसलों के लिए 5 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
खाद्य प्रसंस्करण और आधुनिक कृषि तकनीक पर जोर
राज्य सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी प्राथमिकता दी है। फूड पार्कों और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 17 करोड़ रुपये और माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों के लिए 46 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
डिजिटल कृषि और स्मार्ट खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, जिससे कृषि में आधुनिक तकनीकों का समावेश होगा।
किसानों के हित में ऐतिहासिक बजट
गिरीश चंदेल ने कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए ऐतिहासिक और प्रगतिशील है। सिंचाई, अधोसंरचना और जल संसाधन प्रबंधन के लिए बढ़ा हुआ आवंटन वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में जल उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि कृषि स्टार्टअप, किसान उत्पादक संगठन (FPO) और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं, जिससे छोटे किसानों को बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस बजट से किसानों को बदलते आर्थिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए नई ऊर्जा मिलेगी।