
रायपुर, 30 मार्च 2025। बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा और विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक कोसा सिल्क से निर्मित हस्तनिर्मित शॉल भेंट किया।
यह शॉल न केवल छत्तीसगढ़ की पारंपरिक बुनाई का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि जनजातीय कला और संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति भी है। शॉल पर बांस से बने पारंपरिक वाद्ययंत्र ‘टोड़ी’ और बस्तर की माड़िया जनजाति के प्रसिद्ध ‘बाइसन हॉर्न माड़िया नृत्य’ को कढ़ाई के माध्यम से उकेरा गया है।
जनजातीय संस्कृति की अनूठी झलक
टोड़ी वाद्ययंत्र छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों की संगीत परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। वहीं बाइसन हॉर्न माड़िया नृत्य शौर्य, ऊर्जा और सामूहिक एकता का प्रतीक है। शॉल के जरिये इन सांस्कृतिक पहलुओं को देश के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
बुनकरों का हुनर और पहचान
हस्तनिर्मित कोसा शॉल छत्तीसगढ़ की महिला बुनकरों और जनजातीय कारीगरों की कला का उदाहरण है। इसे प्रधानमंत्री को भेंट कर राज्य ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया है।










