
रायपुर। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना पर आज रायपुर रेल मंडल के सभागार में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। इनके साथ छत्तीसगढ़ के सभी सांसदगण भी वर्चुअली उपस्थित रहे, जिनमें देवेंद्र प्रताप सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, संतोष पांडे, कमलेश जांगड़े और राधेश्याम राठिया शामिल थे।

रेल परियोजना की जानकारी साझा करते हुए रायपुर रेल मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक बजरंग अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवधेश कुमार त्रिवेदी और अन्य अधिकारी एवं मीडियाकर्मी मौजूद रहे।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं:
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₹8,741 करोड़ की लागत से 5वीं और 6वीं रेल लाइन का निर्माण।
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278 किमी रूट और 615 किमी ट्रैक, 21 स्टेशन, 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी और 5 फ्लाईओवर शामिल।
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कोलकाता-मुंबई रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे माल और यात्री ट्रेनें तेज चलेंगी।
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यह लाइन बिलासपुर और रायपुर को बायपास करने का विकल्प देगी।
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परियोजना से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव को मिलेगा फायदा।
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सालाना 21-38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें चलेंगी।
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हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी – यानी 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर।
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22 करोड़ लीटर डीजल की बचत, जिससे ईंधन और पर्यावरण को लाभ।
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अनुमानित ₹2,520 करोड़ लॉजिस्टिक लागत की बचत, सड़क परिवहन की तुलना में किफायती विकल्प।
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यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को देगा नया आयाम।