रायपुर। फरवरी का महीना प्यार करने वालों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस महीने ही अपनी भावनाओं का इजहार करने के लिए उन्हें खास दिन यानी वैलेंटाइन्स डे और विक सेलिब्रिट करने का मौका जो मिलता है।
भारत में ही नहीं, विश्वभर में 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे मनाते हैं। इस दिन को स्पेशल तरीके से सेलिब्रेट करने के लिए लोग पहले से ही प्लान बनाने लगते हैं। पर क्या कभी आपने ये सोचा है कि हर साल इसी दिन वैलेंटाइन्स डे क्यों मनाया जाता? अधिकाश देशों में यह दिन खास तरह से सेलिब्रेट होता है, तो आइए जानते हैं वेलेंटाइन डे से जुड़ी कुछ रोचक बातें……
दुनिया भर में इसके नाम व सेलिब्रेट करने का तरीका अलग व अनोखा है। भारत में जहां इस दिन लोग प्यार के शबाब में होते हैं। वहीं, चीन में इसे ‘नाइट्स ऑफ सेवेन्स’ के नाम से जाना जाता है। जापान और कोरिया में इस दिन से अगले एक महीने तक लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं। वहां, इस दिन को वाइट डे कहा जाता है। कई ऐसा मानते हैं कि फ्रांस वैलेंटाइन्स डे के दौरान सबसे खूबसूरत दिखने वाले जगहों में से एक होता है। यहां लोग पेड़ों पर व अपने घरों में गुलाब, रोशनी, कार्ड्स व प्रपोज करने के अलग-अलग आइटम्स से सजाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मौत के पहले जेलर की अंधी बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान कर दीं और उसके नाम एक पत्र भी लिखा था जिसके अंत में उन्होंने खुद को ‘तुम्हारा वेलेंटाइन’ लिखकर संबोधित किया था। माना जाता है कि ये 14 फरवरी का ही दिन था।तभी से ये दिन उस संत कि याद में मनाया जाने लगा
दुनियाभर में वैलेंटाइन डे को सेंट वेलेंटाइन डे और सेंट वेलेंटाइन फीस्ट भी कहा जाता है. यह दिन प्यार के सेलिब्रिशन के लिए समर्पित है. जबकि वास्तव में यह शहीद सेंट वैलेंटाइन को सम्मानित करने के लिए एक छोटे से वेस्टर्न क्रिश्चियन फीस्ट रूप में शुरू हुआ था. बाद में कहानियों के साथ इसे प्रेम से जोड़ दिया गया.
सेंट वेलेंटाइन फीस्ट पोप गेलैसियस प्रथम की ओर से 496 ईस्वी में 14 फरवरी को एक कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था. धीरे-धीरे यह एक ट्रेडिशन बन गया जिस पर कपल फूलों, उपहारों और ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से एक-दूसरे के लिए प्यार का इजहार करने लगे.
वैलेंटाइन डे के इतिहास को लेकर कई किस्से चर्चित हैं। माना जाता है कि तीसरी शताब्दी के दौरान रोम में एक पादरी थे जिनका नाम वैलेंटाइन था। उस वक्त सम्राट क्लॉडियस द्वितीय का मानना था कि वे पुरुष ज्यादा बेहतर सैनिक साबित होते हैं जो एकल होते हैं। इस कारण उन्होंने युवा सैनिकों के शादी करने को गैर कानूनी घोषित कर दिया। इस नाइंसाफी को लेकर वैलेंटाइन ने विरोध प्रकट किया और वो गुप्त तरीकों से युवा प्रेमियों का विवाह कराने लगे। जब सम्राट को इस बात की जानकारी मिली, तो उसने पादरी को सजा-ए-मौत की फरमान सुनाई।