चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। सरहद हो अथना कुछ और। चीनी हैकर्स ने भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटेक को निशाना बनाया है। हैकिंग ग्रुप ने दोनों कंपनियों के सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर में भी सेंध लगाई।
ब्रिटेश खुफिया एजेंसी में साइबर से जुड़े रहे बड़े अधिकारी और सायफर्मा के चीफ एग्जिक्युटिव कुमार रीतेश ने कहा कि साइबर हमले का मुख्य उद्देश्य इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को निशाना बनाना और भारतीय कंपनिया पर प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करना है। सिंगापुर और टोक्यो में स्थित गोल्डमैन सैक्स समर्थित साइफिरमा ने बताया कि चीनी हैकिंग समूह जिसे स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है, ने भारत के बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का पता लगाने की कोशिश की थी। एसआईआई कई देशों के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बना रहा है और जल्द ही नोवाक्सैक्स शॉट्स का निर्माण शुरू कर देगा।
गौर हो कि पिछले साल नवंबर में माइक्रसॉफ्ट ने रूस और नॉर्थ कोरिया से भारत, कनाडा, फ्रांस , अमेरिका समेत कई देशों की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को साइबर हमले हमले में निशाना बनाए जाने की बात कही थी। चीनी सरकार ने हालांकि साइबर हमले को लेकर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वहीं भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट ने भी मामले में किसी भी तरह का कॉमेन्ट करने से इनकार किया है।