
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलग मत्स्य पालन मंत्रालय बनाने के बयान पर संसद में विभागीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि राहुल को किसी स्कूल में भेजने की जरूरत है ताकि उन्हें जानकारी हासिल हो सके। राहुल को पता ही नहीं है कि भारत सरकार के अधीन कौन-कौन से विभाग काम कर रहे हैं।
देश में मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल के सवाल के जवाब में गिरिराज सिंह ने राहुल को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पता नहीं उनकी यादाश्त खत्म हो गई या क्या हुआ। मगर मुझे ठेस लगी है कि राहुल गांधी ने दो फरवरी को अतारांकित प्रश्न किया था, लेकिन पुडुचेरी और कोच्चि में जाकर कहा कि मत्स्य पालन विभाग है ही नहीं। मैं सरकार में आऊंगा तो एक अलग मंत्रालय बनाऊंगा। मुझे अफसोस है महोदय कि यह किसका प्रश्न था? मैं संवैधानिक प्रश्न खड़ा कर रहा हूं।”
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर देश में मत्स्य पालन क्षेत्र को जर्जर हालत में रखने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘2014 तक पीढ़ी दर पीढ़ी राज करने वालों ने केवल 3,682 करोड़ रुपये ही आवंटित किए थे, जबकि मोदी सरकार ने महज छह वर्षों में 32 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया।” उन्होंने दावा किया कि 1947 से 2014 तक कांग्रेस शासन में देश में सिर्फ 100 लाख टन मछली उत्पादन हुआ था, जबकि मोदी सरकार के पिछले छह साल में 150 लाख टन उत्पादन हुआ।
उन्होंने लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को संबोधित करते हुए कहा, ‘इनके नेता को पता नहीं है कि मत्स्य पालन विभाग कहां है? मोदीजी ने 2019 के पहले दो विभाग बना दिए थे। 32,572 करोड़ रुपये के निवेश का माडल रखा। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। आज मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास 10.87 फीसद की दर से हो रहा है जो कांग्रेस शासन में सिर्फ 5.27 फीसद था।”
गौर हो कि केरल में वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने पुडुचेरी दौरे पर कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार केंद्र में आती है तो अलग से मत्स्य पालन मंत्रालय बनाया जाएगा। उनके इस बयान के बाद भाजपा नेता लोकसभा में पूछे गए राहुल के एक सवाल के हवाले से आरोप लगाने लगे कि राहुल जानते हैं कि देश में मत्स्य पालन विभाग पहले से है, लेकिन मछुआरों को बहकाने के लिए झूठी बात कही। जवाब में राहुल ने कहा था कि वह मत्स्य पालन का अलग मंत्रालय चाहते हैं न कि विभाग।