कांकेर और महासमुंद में रोजाना हो सकेगी 650 सैम्पल की जांच
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कल से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए दो नई प्रयोगशालाएं शुरू हो जाएंगी। यह पैथोलॉजी प्रयोगशाला कांकेर और महासमुंद में शुरू होंगी। शुक्रवार को सुबह 11 बजे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दोनों वॉयरोलॉजी लैब का उद्घाटन करेंगे। इन प्रयोगशलाओं से फिलहाल उन्हीं जिलों के सैम्पल जांचे जाएंगे। अधिकारियों ने बताया, शुरूआत में कांकेर की वॉयरोलॉजी लैब की क्षमता 300 सैम्पल प्रतिदिन की होगी। वहीं महासमुंद में 350 सैम्पल प्रतिदिन जांचे जा सकेंगे। कुछ समय बाद इसकी क्षमता बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल इन दोनों प्रयोगशालाओं के शुरू हो जाने से प्रदेश में प्रतिदिन 650 सैम्पल जांच की क्षमता बढ़ जाएगी। अभी रोजाना हो रहे 55 हजार से 59 हजार जांच में से 20 से 23 हजार सैम्पल की जांच आरटीपीसीआर से हो रही है। बताया गया, लैब की क्षमता बढ़ने के साथ आसपास के जिलों के सैंपलों की भी जांच की जा सकेगी। इन दोनों लैबों का संचालन वहां शुरू हो रहे नए शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन के अधीन किया जाएगा। दोनों लैबों में सेवाएं देने वाले लैब प्रभारी, माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट, सीनियर सांइटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब तकनीशियन एवं लैब सहायकों को संबंधित मेडिकल कॉलेज के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है।
यहां आरएनए से की जाती है वॉयरस की पहचान
अधिकारियों ने बताया, वायरोलॉजी लैब एक विशिष्ट प्रक्रिया से संचालित होता है। इसमें संभावित मरीज के सैम्पल के लाइसिस के बाद आरएनए को बाहर निकाला जाता है। फिर इस आरएनए से आरटीपीसीआर प्रक्रिया के माध्यम से वायरस की पहचान की जाती है। इसके लिए माइक्रो बायोलॉजी में विशेष प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत होती है।
प्रदेश में अभी ऐसी सात प्रयोगशालाएं
प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच में सक्षम सात प्रयोगशालाएं ही काम कर रही हैं। उसमें एक रायपुर एम्स में है। इसके अलावा रायपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जांच की सुविधा मौजूद है। राज्य सरकार ने सबसे पहले जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा दी थी। निजी क्षेत्र की पांच पैथोलॉजी में भी आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध है।