जीवन जीने के दो तरीके हैं पहला जिससे आपको तकलीफ है उसे स्वीकार माफ कर दो। दूसरा जिससे आपको तकलीफ है उसे अपने जीवन से ही शून्य कर दे अगर यह दोनों में से कोई एक तरीका आप अपना आते हैं तो आपका जीवन सरल हो जाएगा अन्यथा बेवजह आप परेशान होते रहेंगे और लोगों को भी परेशान करते रहेंगे। ऐसा आवश्यक नहीं है कि हर परिस्थिति और लोगों से हमारा तारतम्य बना रहे लेकिन इस विषम परिस्थिति से भी निपटने के बहुत सारे तरीके हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि शांति के साथ आपकी किस तरह से इस दुविधा को पार कर पाते हैं।