वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने संबंधी छत्तीसगढ सरकार के फैसले के विरोध में शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। आज प्रदेशभर के शिक्षक कर्मचारी संघ के बैनर तले अपने-अपने घरों में एक दिन का उपवास करके विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शाम सात बजे सरकार के आदेश की प्रतियां जलाने और फोटो को सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कर सांकेतिक आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक कर्मचारी संघ के महासमुंद जिलाध्यक्ष गणेश राम चन्द्राकर ने कहा है कि कोरोना महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए हम सभी ने केन्द्र और राज्य सरकार के हर फैसले का स्वागत किया है। तन-मन-धन से पूरा साथ दिया है किंतु कर्मचारियो के संवैधानिक अधिकार मंहगाई भत्ता और वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ ही पदोन्नति पर रोक लगाने का फैसला हितों पर कुठाराघात है।
शिक्षकों की कर्तव्यनिष्ठा के बदले मिले इस अप्रत्याशित दंड का पुरजोर विरोध करते हुए छग सरकार से फैसला वापस लेने की मांग पर अपने-अपने घरों में उपवास कर आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष संजय तिवारी के संयोजन में आज सोमवार को अपने घरो में सपरिवार सामूहिक उपवास रखकर सांकेतिक धरना दे रहे हैं। शाम सात बजे सरकारी आदेश की प्रतियां जलाएंगे। अपने-अपने घरों में कर रहे प्रदर्शन का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। संगठन के जिला अध्यक्ष गणेश राम चन्द्राकर ने कहा है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करना आवश्यक है। कोरोना महामारी के विरूद्ध समस्त कर्मवीर अपना सब कुछ दाँव पर लगाकर डटे हुए हैं। दानदाताओ के साथ वे भी राहत कोष में धनराशि दान कर रहे हैं। नियमानुसार आयकर भी जमा करते हैं। ऐसे में ज्यादातर कर्मचारी जो मध्यमवर्गीय परिवार से संबंधित हैं, उनके वेतनवृद्धि के संवैधानिक अधिकार पर छग सरकार द्वारा रोक लगाया जाना कर्मचारी हितों के साथ कुठाराघात है।
विदित हो कि किसी भी कर्मचारी की वार्षिक वेतनवृिद्ध को नहीं रोका जा सकता है। यदि छात्तीसगढ़ में आपातकाल लागू होता है तब भी वेतनवृद्धि को नहीं रोका जाना चाहिए। आपातकाल की स्थिति में कुछ समय के लिए महंगाई भत्ता को रोका जा सकता है। कोविड-19 महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जिन्हें चिकित्सा और रक्षा कर्मचारियों के समान बीमा कराए जाने की मांग विभिन्न संगठनों द्वारा पूर्व से की जा रही है। अब उनके वार्षिक वेतन वृद्धि और मंहगाई भत्ता पर भी सरकार द्वार रोक लगाने का फैसला कर्मचारी हितों के विरूद्ध माना जा रहा है
संगठन के उपप्रांताध्यक्ष नवीन चन्द्राकर, कार्यकारी अध्यक्ष छबिराम साहू,, महासचिव भरत तम्बोली, शिवनारायण तिवारी, सचिव कन्हैया लाल साहू, ब्लाक अध्यक्ष परस राम चन्द्राकर, पीताम्बर बंजारा, सुजीत मार्कण्डे, देवराज सेन, अरविन्द द्ववेदी, जगदीश पटेल ने शासन से मांग की है कि कर्मचारी हितों को ध्यान में रखते हुये वार्षिक वेतनवृद्धि की रोक को वापस लिया जाए।