नई दिल्ली। ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद सुमित मलिक के डोपिंग मामले में फंसने का खामियाजा भारत को उठाना पड़ेगा। सुमित ने पिछले महीने सोफिया में हुए ओलिंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंंट में हिस्सा लेकर देश के लिए कोटा हासिल किया था. हालांकि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने उन पर डोपिंग का आरोप लगाते हुए छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. सुमित को अब १० जून को अपना ‘बीÓ सैंपल देना है. सुमित के कारण अब उनके 125 किग्रा के भारवर्ग का कोटा भारत ने खो दिया है. इसके साथ ही यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर १६ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। टोक्यो खेलों के शुरू होने से कुछ समय पहले ही यह पूरा विवाद देश के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी बन गया है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. यह लगातार दूसरा ओलिंपिक है जब खेलों के शुरू होने से कुछ दिन पहले डोपिंग का मामला खबरों में आया है. इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक से कुछ सप्ताह पहले नरसिंह पंचम यादव भी डोपिंग जांच में विफल हो गये थे और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था।
ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे सुमित
ओलिंपिक में रेसलर्स भी देश के लिए कोटा हासिल करते हैं. इस कोटा पर कौन-सा पहलवान जाएगा यह फैसला रेसलिंग फेडरेशन का होता है। सुमित मलिक ने देश के लिए 125 किग्रा वर्ग में कोटा हासिल किया था. फेडरेशन उनकी जगह किसी और को भेज सकता था लेकिन अब देश कोटा ही खो चुका है। यूडब्ल्यू डब्ल्यू ने फिलहाल सुमित पर छह महीने का प्रतिबंध लगाया है. अगर ओलिंपिक से पहले यह पूरा विवाद खत्म हो जाता है और फैसला सुमित के पक्ष में जाता है तब भी वह ओलिंपिक में हिस्सा ले नहीं पाएंगे।