भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी भारत आने से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। प्रत्यर्पण आदेश पर रोक लगाने के लिए उसने लंदन हाई कोर्ट में अपील की है। इस पर सुनवाई के दौरान उसके वकीलों ने कहा कि मुम्बई की जिस आर्थर रोड जेल में प्रत्यर्पण के बाद उसे रखा जाना है, उसमें भीड़ और कोरोना के असर के चलते उसके आत्महत्या करने की आशंका बढ़ जाएगी।
पंजाब नेशनल बैैंक (पीएनबी) से करीब 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित नीरव मोदी इस समय दक्षिण-पश्चिम लंदन में वेंड्सवर्थ जेल में बंद है। वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई में शामिल हुआ।
जस्टिस मारिंट चेंबरलेन के समक्ष प्रस्तुत नई याचिका पर सुनवाई के दौरान नीरव के वकीलों ने इस आधार पर पूर्ण अदालत की सुनवाई का अनुरोध किया कि उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए प्रत्यर्पण करना ठीक नहीं होगा क्योंकि वह आत्मघाती कदम उठा सकता है।
जस्टिस चेंबरलेन ने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आगे की सुनवाई में कोर्ट ये फैसला करेगा कि पूर्व में जिला जज सैम गूज द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश और अप्रैल में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल द्वारा इसे मंजूरी दिए के खिलाफ लंदन में हाई कोर्ट में इसपर पूणर््ा सुनवाई करने की आवश्यकता है या नहीं।