जंक फूड बनाने वाली कंपनियों को जंक फूड के पैकेट के अगले हिस्से में बिल्कुल सामने यह छापना होगा कि उसमें किन पदार्थों का मेल है और उनकी मात्रा कितनी है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि वह खाद्य पदार्थ खाने वाले के लिए कितना हितकारी या अहितकारी है। खाद्य सुरक्षा नियामक एजेंसी (एफएसएसएआइ) ने पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर फ्रंट-आफ-पैकेज (एफओपी) लेबलिंग शुरू करने की योजना बनाई है।
एफएसएसएआइ के सीईओ अरुण सिंघल ने कहा कि जंक फूड की बढ़ती खपत चिंताजनक है। लोगों को स्वस्थ भोजन विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एजेंसी यह कदम उठाने की तैयारी कर रही है। आइआइएम-अहमदाबाद को उपभोक्ताओं के हित में एफओपी लेबल की प्रकृति तैयार करने के लिए कहा गया है। यह सूचना पैकेट के पीछे या किनारे के बजाय अधिक साफ दिखने वाले स्थान पर प्रदान करनी होगी। इस तरह की सूचना आवश्यक हो गई है, क्योंकि कुपोषण के साथ-साथ देश मोटापे की भी गंभीर समस्या से जूझ रहा है। युवा और बच्चे इससे ज्यादा पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि जिन देशों ने एफओपी लेबल का इस्तेमाल किया है, वहां जंक फूड की खपत में कमी देखी गई है। इसके लिए सभी तरह के तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है, लेकिन लेबल की प्रकृति को लेकर अभी सभी एकमत नहीं हैं। इसके लिए, आइआइएम अहमदाबाद को एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है। उसने काम शुरू कर दिया है।