सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि इस साल दिवाली पर सोने की बिक्री कोरोना पूर्व के स्तर से 30 प्रतिशत अधिक रहेगी। इसके पीछे उनका तर्क है अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार होना और कीमतों में कमी प्रमुख वजह है। गौर हो कि देशभर में लाकडाउन और आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों के चलते पिछले वर्ष दिवाली और धनतेरस में रत्न और आभूषण उद्योग का कारोबारी काफी फीका रहा था।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन आशीष पेठे के मुताबिक, हम श्राद्ध के बाद से कारोबारी गतिविधियों में तेजी देख रहे हैं। सोने की कीमतें घटकर 42,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गईं थी, जिससे इस कीमती धातु की मांग बढ़ गई थी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान बेहतर जीएसटी संग्रह इस बात का संकेत देता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार तेजी से जारी है। महामारी के चलते जो शादियां स्थगित हो गई थीं वह अब इस साल के अंत में होंगी। इससे रत्नों और आभूषणों की बिक्री बढ़ेगी।
53 हजार तक जा सकती हैं अगले 12 महीनों में सोने की कीमतें
मोतीवाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार अगले 12 महीनों के दौरान घरेलू सोने की कीमतें 52 से 55 हजार के स्तर जा सकती हैं। फिलहाल इसकी कीमत 47,000 रुपये से 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच हैं। 2019 के दौरान सोने की कीमत में 52 प्रतिशत और 2020 में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।