बदरीनाथ धाम के कपाट वृष लग्न में विधि-विधानपूर्वकशीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही अब उत्तराखंड में हिमालय की चारधाम यात्रा ने बंद हो गई है। हालांकि कपाटबंदी के अवसर पर रिकार्ड 4366 श्रद्धालु धाम में मौजूद रहे। अब शीतकाल के दौरान भगवान बदरी नारायण के दर्शन योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में होंगे। इसके अलावा सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम और वंशीनारायण मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।
समुद्रतल से 10,276 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया भगवान नारायण के फूलों से श्रृंगार के साथ सुबह ही शुरू हो गई थी। नित्य पूजाओं के बाद भगवान को दोपहर का भोग लगाया गया। वैसे दोपहर का भोग लगने के बाद कुछ समय के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जाते हैं, लेकिन कपाटबंदी के मौके पर दिनभर कपाट खुले रहे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए मंदिर को 20 क्विंटल गेंदा व अन्य प्रजाति के फूलों से सजाया गया था।