कोरोना की चुनौतियों के बीच निवेशकों ने 2021 में म्यूचुअल फंड में अपना भरोसा बढ़ाया है। म्यूचुअल फंड में इस साल करीब सात लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते खतरे और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते अगला वर्ष बहुत आसान नहीं रहेगा।
भारत में म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी के मुताबिक इस उद्योग का कुल परिसंपत्ति प्रबंधन 2021 नवंबर के अंत तक 24 प्रतिश्ात बढ़कर 38.45 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। दिसंबर, 2020 में यह 31 लाख करोड़ रुपये था। दिसंबर के अंत में म्यूचुअल फंड का कुल आंकड़ा थोड़ा कम या इतना ही रह सकता है। क्योंकि इस समय बाजार में सुधार का दौर चल रहा है। दिसंबर में अग्रिम कर भुगतान के ऋण फंड्स से कुछ निकासी हो सकती है। एम्फी के प्रेसिडेंट ए बालासुब्रमण्यन ने कहा कि ब्याज दरें कम होने से निवेशक पारंपरिक तरीकों के अलावा दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड के बारे में जागरूकता बढ़ने से लोगों की भागीदारी बढ़ी है।