सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन और पाकिस्तान की ओर से उत्पन्न् होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर कहा कि भारत अभी भविष्य के संघर्षों की कुछ झलकियां देख रहा है। इसके विरोधी अपने रण्ानीतिक लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास लगातार जारी रखेंगे। वह एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अलग तरह की, कठिन और बहुस्तरीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। उत्तरी सीमा पर घटनाक्रम ने पूरी तरह से तैयार और सक्षम बलों की जरूरत को रेखांकित किया है। देश्ा की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए मोर्चे पर जुटे सैनिकों को आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत होगी।
चीन और पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम लिए बगैर सेना प्रमुख ने कहा कि परमाणु सक्षम पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद के साथ ही राज्य प्रायोजित छद्म युद्ध ने सुरक्षा तंत्र एवं संसाधनों के सामने चुनौतियां बढ़ा दी हैं।उन्होंने कहा, हम अभी भविष्य के संघर्षों की झलकियां देख रहे हैं। सूचना क्षेत्र, नेटवर्क और साइबर स्पेस में हमें प्रतिदिन इसके साक्ष्य दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा अस्थिर और विवादित सीमाओं पर भी यह खेल खेला जा रहा है।
नरवणे ने कहा, अब यह हमारे ऊपर है कि इन झलकियों के आधार पर हम भविष्य के संघर्षों का आकलन करें। यदि आप आसपास देखेंगे तो आपको आज की हकीकत का अहसास होगा।
सेना प्रमुख ने कहा कि हमारे विरोधी अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रखेंगे। यह कुछ इस तरह का होगा कि राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक क्षेत्र में देश विरोधी गतिविधियों के जरिये संघर्ष को अंजाम दिया जाएगा।
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, 2020 की घटनाएं सभी क्षेत्रों में विविध सुरक्षा खतरों की गवाही देती हैं। इसने गैर-संपर्क (साइबर स्पेस आदि) और नुकसानदेह गतिविधियों के जरिये संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित किया है। हमें आमने-सामने और गैर-संपर्क वाले, दोनों तरह के संघर्षों के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है।
नरवणे ने चीन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ राष्ट्र वैश्विक स्तर पर स्वीकृत मानदंडों और नियम आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम ने फिर से छद्म और सरकार से इतर तत्वों के इस्तेमाल की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। एलओसी पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि यह इसलिए लगातार जारी है, क्योंकि हमने मजबूत स्थिति से बातचीत की है।