योग गुरू रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने आज कहा कि आयुष मंत्रालय ने उसकी दवा कोरोनिल को बेचने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। कंपनी ने हाल ही में कथित तौर पर कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च की थी। पतंजलि के मुताबिक ये कोरोना की दवा नहीं, बल्कि बीमारी को मैनेज करने के लिए एक उत्पाद है। इधर आयुष मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पतंजलि इस उत्पाद को बेच तो सकती है लेकिन कोरोना के इलाज की दवा के रूप में नहीं।
योग गुरु रामदेव ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोनिल के काम पर आयुष मंत्रालय ने हमारे प्रयासों को सराहा है। इसके साथ ही रामदेव ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल और रजिस्ट्रेशन दोनों प्रक्रियाओं में नियमों का पालन किया गया है। कोरोनिल 23 जून को लांच की गई थी। दावा किया गया था कि इससे 7 दिन के अंदर 100 फीसदी रिकवरी हो जाएगी। कोरोना की दवा के रूप में लाई गई कोरोनिल पर तुरंत ही विवाद हो गया।
मंत्रालय ने कहा कि उसने केवल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इस खास फॉम्युलेशन को बेचने की अनुमति दी है. बाबा रामदेव ने हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पतंजलि ने कोरोना महामारी से निपटने के अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, जो लोग इन दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इनकी बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं है। ये देश में कहीं भी एक किट में उपलब्ध होंगे। पतंजलि कोरोनिल के साथ दो और उत्पादों को प्रमोट कर रही है।