रायपुर -नवा रायपुर के किसान पिछले 68 दिनों से नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को इन सभी किसानों का गुस्सा फूटा। अफसरों से अपने हक की बात करने किसान मंत्रालय की ओर बढ़ने लगे। दोपहर के वक्त करीब 2 हजार से ज्यादा किसानों ने पैदल मार्च निकाला। इन किसानों में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं। कुछ ही दूरी पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। 200 से अधिक पुलिस के जवान बॉडी आर्मर (कवच) पहने किसानों को डंडे के बल पर रोकने लगे। किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद इस मार्च में शामिल महिलाओं ने बैरिकेड के पास ही सड़क में बैठकर धूप में धरना देना शुरू कर दिया। अफसर इन्हें हटने को समझा रहे हैं, मगर किसान मानने को तैयार नहीं। इन पर वॉटर कैनन (भीड़ पर पानी की बौछार करने वाली मशीन) तान दी गई है।
बीती रात ही लगी धारा 144
सुबह आंदोलन स्थल पर एकत्र हुए किसानों से अपील फार्म भरवाया गया। हजारों लोगों ने ये फॉर्म भरा। किसानों के इस पैदल मार्च को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने बीती रात से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। सड़क पर प्रशासन ने लोहे-कांक्रीट से बैरिकेड लगाए। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने मंत्रालय और आसपास के 100 मीटर के दायरे में चारों तरफ से आने वाली सड़कों पर धारा 144 लागू कर दी। अब किसानों ने यहां आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आंदोलन में किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल में महिलाएं भी शामिल हो गई हैं। गुरुवार को खंडवा की दीपा वर्मा, गीता ध्रुव, राखी की रमशिला साहू, वीणा बाई साहू, पलौद की किरण साहू, सोनवती धीवर, परसदा की रानीबाई घृतलहरे, सुमित्रा बाई चंद्राकर, उपरवारा की गंगाबाई धीवर उपवास पर बैठी थीं।