इस समय सावन का महीना चल रहा है. महिलाओं का पर्व हरियाली तीज अब बहुत ही नजदीक आ गया है. सावन मास की अमावस्या के दिन हरियाली अमावस्या मनाया जाता है, जो इस बार 20 जुलाई दिन सोमवार के दिन है. जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस दिन पूवर्जों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध रस्मों को करना उपयुक्त माना जाता है. साथ ही कालसर्प दोष निवारण की पूजा के लिए भी अमावस्या का दिन खास होता है. अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है.
हरियाली अमावस्या पर्व को हरियाली के आगमन के रूप में मनाते हैं। इस दिन किसान आने वाले वर्ष में कृषि कैसी होगी इनका अनुमान लगाते हैं, शगुन करते हैं। हरियाली को समर्पित यह त्योहार इस वर्ष 20 july 2020 को है। इस दिन वृक्षारोपण का कार्य विशेष रूप से किया जाता है।
वर्षो पुरानी परंपरा के निर्वहन के रूप में हरियाली अमावस्या के दिन एक नया पौधा लगाना शुभ माना जाता है।हरियाली अमावस्या के दिन सभी लोग वृक्ष पूजा करने की प्रथा के अनुसार पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करते हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों में पर्वत और पेड़-पौधों में भी ईश्वर का वास बताया गया है। पीपल में त्रिदेवों का वास माना गया है।
धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है। शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है। इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी।
हरियाली अमावस्या का महत्व
ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए. धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है. शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है.
इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है. इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है.
पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी. इस दिन कई शहरों व गांवों में हरियाली अमावस्या के मेलों का आयोजन किया जाता है. इसमें सभी वर्ग के लोगों के साथ युवा भी शामिल हो उत्सव व आनंद से पर्व मनाते हैं. गुड़ और गेहूं की धानी का प्रसाद दिया जाता है.
इन पौधों को लगाना होता है शुभ
हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर आप पौधे लगाकर अपने भाग्य को चमकाने और घर में सुख-शांति प्राप्त कर सकते है…
1. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए: तुलसी, आँवला, केल, बिल्वपत्र का वृक्ष लगाएं.
2. सौभाग्य प्राप्ति के लिए: अशोक, अर्जुन, नारियल, बरगद (वट) का वृक्ष लगाएं.
3. संतान प्राप्ति के लिए: पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गुड़हल, अश्वगन्धा को लगाएं.
4. मेधा वृद्धि प्राप्ति के लिए: आंकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाएं.
5. सुख प्राप्ति के लिए: नीम, कदम्ब, धनी छायादार वृक्ष लगाएं.
6. आनन्द प्राप्ति के लिए: हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब लगाएं.