Ekhabri सुविचार,(प्रीति शुक्ला)। हमारी सोच ही हमारे विचारों की बुनियाद बनती है। जैसे हमारी सोच होती है धीरे-धीरे हम वैसे ही बनते जाते हैं। इसलिये बड़े बुज़ुर्ग हमेशा से अच्छी संगती पर ज़ोर देते रहे हैं।
सोच को मजबूत करने के लिए सबसे पहले तो अच्छी आदतों को जीवन में शामिल करना चाहिए। जिसमे सबसे पहली आदत अच्छी किताबों से दोस्ती है। शब्दों का हमारी सोच पे बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिये अच्छी किताबें हमारी सोच को सकारात्मक करती हैं।
दूसरा अच्छे व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श। जब हम ज्ञानी लोगो के साथ होते हैं तो स्वतः ही हमारे ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं।
तीसरा हमें हमेशा मन से एक छात्र की तरह होना चाहिए। नित नई चीजों को सीखना और अपने जीवन में शामिल करते जाना।
अंतत: हम अगर सकारत्मक सोच रखते हैं, तो सभी चीजें अपने आप ही सही होती जाती हैं, क्योंकि सफलता और असफलता के बीच केवल सोच का अंतर है।